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नाईट क्लब (जिसे साधारणतया क्लब, डिस्कोथेक अथवा डिस्को के नाम से भी जाना जाता है) मनोरंजन का स्थान है जो आमतौर पर देर रात तक संचालित किया जाता है। किसी नाइट क्लब को आम तौर पर बार, पब अथवा टैवर्न से नृत्य स्थल तथा डीजे बूथ की उपस्थिति कारण अलग समझा जा सकता है, जहाँ डीजे रिकॉर्ड किया हुआ डांस, हिप हॉप, रॉक, रैगे तथा पॉप संगीत बजाता है।
नाईट क्लब में संगीत के लिए या तो लाइव बैंड रहते हैं अथवा अधिकांशतः डीजे द्वारा अनेक गानों का मिश्रण किसी शक्तिशाली पीए प्रणाली के द्वारा बजाय जाता है। अधिकांश क्लब या क्लब नाईट कुछ विशिष्ट शैलियों के संगीत बजाते हैं, जैसे टेक्नो, हाउस संगीत, ट्रांस, हैवी मेटल, गराज़, हिप हॉप, सालसा, डांसहाल, ड्रम व बास, डबस्टेप अथवा सोका संगीत. कई क्लब शीर्ष 40 गानों की सूची को बढ़ावा देते हैं तथा पिछले सप्ताह के सर्वाधिक प्रसारित गीतों को अधिकांश समय बजाते हैं।
कई नाइट क्लब चयन के द्वारा ही प्रवेश देते हैं, जो सिर्फ आयु तक ही सीमित नहीं होते हैं, उदाहरण के लिए वेशभूषा तथा मेहमानों की सूची. इसके द्वारा वे नाईट क्लब की प्रतिष्ठा को "विशिष्ट" बनाने का प्रयास करते हैं। अक्सर, किसी नाइट क्लब में प्रवेश की कोई स्पष्ट नीति नहीं भी हो सकती है, इस प्रकार द्वार-रक्षक अपने स्वातन्त्र्य से किसी को भी प्रवेश करने से रोक सकते हैं।
अधिकांश मामलों में, नाईट क्लब में प्रवेश करने के लिए एक सामान दर के शुल्क का भुगतान करना होता है जिसे कवर चार्ज के नाम से जाना जाता है। जल्दी आने वालों अथवा महिलाओं के लिए इस कवर चार्ज को कम अथवा पूर्णतया माफ़ किया जा सकता है (ब्रिटेन में यह दूसरा विकल्प सेक्स डिस्क्रिमिनेशन ऐक्ट 1975 के अन्तर्गत गैर-कानूनी है परन्तु इस कानून को लागू किये जाने के मामले दुर्लभ ही हैं तथा इसका उल्लंघन आम है). द्वार-रक्षकों तथा क्लब के स्वामियों के मित्र निःशुल्क अन्दर जा सकते हैं। कभी कभी, विशेष रूप से यूरोप महाद्वीप के बड़े क्लबों में, प्रवेश द्वार पर एक भुगतान कार्ड प्राप्त किया जा सकता है जिसमें डिस्कोथेक में खर्च किये जाने वाले कुल खर्च (जिसमें अक्सर प्रवेश शुल्क भी शामिल होता है) अंकित होता है। कभी कभी, प्रवेश शुल्क और सामान रखने के स्थान का शुल्क नकद में देना होता है तथा भुगतान कार्ड के द्वारा सिर्फ पिए जाने वाले पेयों का भुगतान किया जा सकता है।
कई नाइट क्लबों में "मेहमानों की सूची" का प्रयोग किया जाता है जिसके द्वारा कुछ आगन्तुकों को क्लब में निःशुल्क अथवा घटी दर पर प्रवेश की अनुमति दी जाती है। कुछ नाइट क्लबों में गैर-प्रकाशित मेहमानों की सूची होती है जिसमें निःशुल्क प्रवेश से लेकर घटे शुल्क तथा कतार में लगे बिना पूर्ण शुल्क देकर प्रवेश करने के विकल्प होते हैं। मेहमानों की सूची में शामिल नाइट क्लब जाने वाले एक अलग पंक्ति में तथा संभवतः एक अलग प्रवेश-द्वार का प्रयोग करते हैं जो कि पूर्ण शुल्क देकर आने वालों से भिन्न होता है। मेहमानों की सूची में शामिल लोगों की पंक्ति का पूर्ण-शुल्क अथवा टिकट लेकर आने वाले लोगों की पंक्ति जितना ही अथवा उससे अधिक लम्बा होना असामान्य नहीं है। कुछ नाइट क्लब अपनी वेबसाइट के माध्यम से क्लब आने वालों को अपनी मेहमानों की सूची के लिए रजिस्टर करने की अनुमति देते हैं।
कई नाइटक्लब कोई ड्रेस कोड लागू करते हैं जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी विशेष प्रकार के ग्राहक-गण ही उस स्थल पर उपस्थित हों. कुछ उच्च श्रेणी के नाईट क्लब ट्रेनर अथवा जींस पहन के आने वाले लोगों को प्रवेश नहीं देते जबकि कुछ अन्य नाईट क्लब एक अस्पष्ट सी "ड्रेस टु इम्प्रेस" को विज्ञापित करते हैं जिससे कि बाउंसरों को इच्छानुसार प्रवेश करने का प्रयास कर रहे लोगों को पहचानने में सुविधा हो सके. नाइट क्लब ड्रेस कोड में कई अपवाद होते हैं, आमतौर पर सबसे स्पष्ट रूप से नियम तोड़ने वालों को ही प्रवेश से वंचित किया जाता है, अथवा ऐसे लोगों को जिन्हें पार्टी के लिए अनुपयुक्त माना जा रहा हो. कुछ नाईट क्लब जो किसी लघु-समूह के प्रति केन्द्रित होते हैं, जैसे कि फेटिश नाईट क्लब, वहां पर सिर्फ लेदर, सिर्फ रबर अथवा फैंटेसी जैसे ड्रेस कोड हो सकते हैं। ड्रेस कोड को अक्सर भेदभावपूर्ण व्यवहार के बहाने के रूप में प्रयोग किया जाता है, जैसा कि कारपेंटर बनाम लाइमलाईट मनोरंजन लिमिटेड में हुआ।
कई नाइट क्लब केवल सदस्यता के द्वारा प्रवेश की अनुमति देते हैं। कई समलैंगिक नाइट क्लब जो कि विशेष रूप से पुरुष ग्राहक-गणों के लिए होते हैं, किसी लेस्बियन समूह को प्रवेश से रोक देते हैं परन्तु यदि कोई लेस्बियन अपने गे मित्रों के साथ आये तो उसे अनुमति मिल जाती है।
वर्ष 1900 से 1920 के बीच वेतनभोगी वर्ग के अमेरिकी होंकी टोंक अथवा ज्यूक जौइंटों में एकत्रित होकर पियानो अथवा ज्यूकबॉक्स पर बजाये जा रहे संगीत पर नृत्य करते थे।
अमेरिकी निषेध के दौरान नाइट क्लब अवैध स्पीकईज़ी बारों की तरह ही भूमिगत हो गए थे। फ़रवरी 1933 में निषेध की समाप्ति के साथ ही नाईट क्लब पुनर्जीवित होने लगे, जैसे न्यूयॉर्क का स्टॉर्क क्लब, 21 क्लब, एल मोरक्को तथा कोपाकबाना. इन नाइट क्लबों में बड़े बैंड होते थे (इनमें डीजे नहीं होते थे).
गुलाम फ्रांस में नाजियों के द्वारा जैज़ व बिहौप संगीत तथा जिटरबग नृत्य पर रोक लगा दी गयी थी क्योंकि यह क्षयोन्मुख अमेरिकी प्रभाव का प्रतीक था, इसलिए भूमिगत फ्रेंच लोग तहखानों में बने नृत्य क्लबों में मिलते थे, जिन्हें डिस्कोथेक कहा जाता था, जहाँ पर वे अमेरिकी स्विंग संगीत पर नृत्य करते थे, जिसे डीजे ज्यूकबॉक्स ने उपलब्ध होने की स्थिति में एकल टर्नटेबल पर बजाता था। इन "डिस्कोथेक" को विची विरोधी युवाओं, जिन्हें ज़ाज़ू कहा जाता था, का भी संरक्षण प्राप्त था। नाज़ी जर्मनी में भी भूमिगत डिस्कोथेक थे जिन्हें नाज़ी-विरोधी युवा, जिन्हें स्विंग किड्ज़ कहा जाता था, संरक्षण देते थे।
हर्लेम में, कॉटन क्लब व कोनीज़ इन श्वेत दर्शकों के लोकप्रिय स्थल थे। 1953 से पहले और कुछ वर्षों बाद तक भी, अधिकांश बार व नाईट क्लब ज्यूकबॉक्स अथवा अधिकांशतः लाइव बैंड का प्रयोग करते थे। पेरिस में स्थित एक क्लब जिसका नाम "व्हिस्की ए गोगो" है तथा जिसकी स्थापना 1947 में हुई थी, में 1953 में रेजीन (Régine) ने एक नृत्य फ्लोर बनवाया, रंगीन लाइटें लगवायीं तथा ज्यूक बॉक्स के स्थान पर दो टर्नटेबल लगवायीं, जिससे संगीत के बीच में कोई रुकावट ना आने पाए तथा जिसे वे स्वयं संचालित करतीं थीं। व्हिस्की ए गोगो के द्वारा द्वितीय विश्युद्ध के पश्चात के आधुनिक डिस्कोथेक शैली के नाईट क्लब के मानक भाग स्थापित किये गए। 1960 के दशक के प्रारंभ में मार्क बिरले ने लंदन के बर्कले स्क्वायर में ऐनाबेल्स' नामक सिर्फ सदस्यों के प्रवेश हेतु डिस्कोथेक नाइट क्लब प्रारंभ किया। 1962 में, न्यूयॉर्क शहर में पेपरमिंट लाउंज काफी लोकप्रिय हो गया और इसी स्थान से गो-गो नृत्य का प्रारंभ हुआ। हालांकि, रॉक और रोल की पहली पीढ़ी नाईट क्लब के स्थान पर असभ्य तथा अस्त-व्यस्त बार तथा टैवर्न को प्राथमिकता देती थी, तथा 1970 के दशक के डिस्को युग से पहले नाईट क्लब मुख्य धारा में लोकप्रिय नहीं हो पाए थे।
1970 के दशक के अन्त तक कई प्रमुख अमेरिकी शहरों में डिस्को क्लब फल-फूल रहे थे जो डिस्कोथेक, नाईट क्लब, तथा निजी लौफ्ट पार्टियों के रूप में थे, जहाँ डीजे शक्तिशाली पीए प्रणाली पर नर्तकों के लिए डिस्को हिट बजाते थे। डीजे द्वारा "...लम्बे एकल रिकॉर्ड का मृदु मिश्रण बजाया जाता था ताकि लोग 'रात भर नाचें'" कुछ सर्वाधिक प्रतिष्ठित क्लबों में वृहद् प्रकाशीय प्रणालियां लगी होती थीं जो संगीत की धुन पर स्पंदित होतीं थीं।
कुछ शहरों में डिस्को नृत्य प्रशिक्षक अथवा नृत्य स्कूल होते थे जो लोगों को लोकप्रिय डिस्को नृत्य सिखाते थे, जैसे "टच नृत्य", "हसल" तथा "चा-चा-चा" आदि. इन स्थानों पर डिस्को फैशन भी होते थे जिन्हें डिस्को जाने वाले अपने स्थानीय डिस्को में रात भर नृत्य करने के लिए पहना करते थे, इनमें पारदर्शी, बहावयुक्त हाल्सटन पोशाकें महिलाओं के लिए तथा चमकीली पौलियेस्टर की कियाना शर्टें पुरुषों के लिए होती थीं। डिस्को क्लब तथा "... सुखवादी लौफ्ट पार्टियों" में एक क्लब समाज होता था जिसमें बहुत से इटैलियन-अमेरिकन, अफ्रीकन-अमेरिकन, गे (पुरुष-समलैंगिक) तथा हिस्पानी लोग होते थे।
डिस्को क्लब परिदृश्य में नृत्य एवं फैशन के अतिरिक्त एक फलता-फूलता ड्रग उप-समाज भी था जिनमें विशेष रूप से मनोरंजनात्मक ड्रग, जिनसे तेज संगीत तथा चमकीली लाइटों में नृत्य के अनुभव को अधिक सुखद बनाया जा सकता था, शामिल थीं, उदाहरण के लिए कोकीन (उपनाम "ब्लो"), एमाइल नाइट्राईट "पौपर्स", तथा "...1970 के दशक की सर्वोत्कृष्ट क्लब ड्रग क्वुआलूड, जिसके प्रभाव से मोटर सामंजस्य स्थगित हो जाता था तथा व्यक्ति के हाथ व पैर जेल-ओ की तरह हो जाते थे". "उन्मुक्त गे पुरुषों द्वारा डिस्कोथेक में खपत हुई ड्रग की अत्यधिक मात्रा के कारण डिस्को युग की नयी सामाजिक घटना की उत्पत्ति हुई: उच्छृंखल सम्भोग तथा सार्वजनिक सेक्स. हालांकि डांस फ्लोर लालसा का मुख्य स्थल होता था, पर वास्तविक सेक्स डिस्को के निचले भागों में होता था: शौचालय, निकास सीढियां आदि. अन्य मामलों में डिस्को सुखवादियों के रात्रि-विचरण का "मुख्य आकर्षण" होता था।"
1970 के दशक के प्रसिद्ध डिस्कोथेक में शामिल थे "...कोकीन से भरे हस्तियों के मौज-मस्ती के स्थल जैसे मैनहट्टन का "स्टूडियो 54" जिसे स्टीव रूबेल व इयान स्क्रेजर द्वारा संचालित किया जाता था। स्टूडियो 54 इसके अन्दर चलने वाले सुखवाद के लिए कुख्यात था; इसकी बालकनीयां यौन गतिविधियों के लिए जानी जाती थीं, ड्रग का प्रयोग सर्वव्याप्त था। इसके डांस फ्लोर की सजावट के लिए एक "मैन ऑन दि मून" की छवि लगायी गयी थी, जिसमें एक एनिमेटेड कोकीन की चम्मच शामिल थी। 1970 के दशक के न्यूयॉर्क शहर के अन्य प्रसिद्द डिस्कोथेकों में "ज़ेनौन", "दि लौफ्ट", "पैराडाइज़ गैराज़" तथा "औक्स प्यूक्स", जो कि शुरूआती गे डिस्को बार में से एक था, शामिल थे। सैन फ्रांसिस्को में ट्रोकैडेरो ट्रांसफर, आई-बीम तथा एंड अप शामिल थे।
1980 के दशक तक, शब्द "डिस्को" को उत्तरी अमेरिका में पसंद नहीं किया जाता था।
1980 के दशक में, नए रोमांटिक चलन के दौरान, लन्दन का नाईट क्लब परिदृश्य काफी भव्य था, जिसमें दि ब्लिट्ज, बैटकेव, कैमडेन पैलेस तथा क्लब फॉर हीरोज़ आदि शामिल थे। संगीत और फैशन दोनों ने ही इस चलन के सौंदर्यबोध को गले लगा लिया। प्रचलित बैंडों में डेपीच मोड, दि ह्यूमन लीग, डुरान डुरान, ब्लौंडी, यूरीद्मिक्स तथा अल्ट्रावौक्स आदि शामिल थे। रेगे प्रभावित बैंडों में ब्वॉय जॉर्ज व कल्चर क्लब तथा इलेक्ट्रॉनिक वाईब बैंडों में विजाज़ आदि शामिल थे। लंदन नाइट क्लबों में युवा पुरुष अक्सर मेकअप करके तथा युवा महिलायें पुरुषों के सूट पहन कर आते थे।
ब्रिटेन के बड़े शहरों जैसे न्यूकैसेल, लीवरपूल, क्वाडरैंट पार्क व 051, स्वानसी, मैनचेस्टर (दि हैकिएन्डा) तथा यूरोप के कई अन्य मुख्य स्थानों, जैसे पेरिस (ले बेंस डशेज़), बर्लिन, इबिज़ा (पाशा), रिमिनी आदि ने भी क्लब जाने के चलन, डीजे संस्कृति तथा रात्रिभ्रमण के विकास में प्रमुख योगदान किया।
इस अवधि के न्यूयॉर्क के महत्वपूर्ण नाइट क्लब एरिया, डांसटेरीया तथा दि लाइमलाईट थे।
यूरोप और उत्तरी अमेरिका में नाइट क्लब डिस्को से प्रभावित नृत्य संगीत, जैसे हाउस म्यूजिक, टेक्नो तथा अन्य नृत्य संगीत शैलियां जैसे इलेक्ट्रॉनिका एवं ट्रांस आदि बजाते थे। अमेरिका के प्रमुख शहरों के ज्यादातर नाइट क्लबों में हिप हॉप, हाउस और ट्रांस संगीत बजाया जाता है। सभी प्रकार के क्लबों में ये आम तौर पर सबसे बड़े और सर्वाधिक जाए जाने वाले क्लब हैं। सुपरक्लब का उद्भव एक वैश्विक घटना है तथा इनमें शामिल हैं मिनिस्ट्री ऑफ साउंड (लन्दन), क्रीम (लिवरपूल) तथा पाशा (इबिज़ा).
अन्य भाषाओं में नाइट क्लब को "डिस्को" अथवा "डिस्कोथेक" के नामों से ही जाना जाता है (फ़्रान्सीसी: फ़्रान्सीसी; इटैलियन एवं स्पैनिश: डिस्कोटेका (discoteca), एंट्रो (antro) (सिर्फ मेक्सिको में प्रचलित), तथा "बोलिके" (boliche) (सिर्फ अर्जेंटीना में प्रचलित), लैटिनअमेरिका के अन्य सभी देशों में "डिस्कोस" ही प्रयोग किया जाता है; जर्मन: Disko अथवा Diskothek). जापानी में ディスコ से अभिव्यक्त डिसुको किसी पुराने, छोटे तथा कम फैशनेबल स्थल को इंगित करता है; जबकि クラブ, कुराबु किसी नए, बड़े तथा अधिक लोकप्रिय स्थल के लिए प्रयुक्त होता है। शब्द नाईट का प्रयोग किसी विशिष्ट शैली के प्रति केन्द्रित किसी शाम के लिए किया जाता है जैसे "रेट्रो संगीत नाईट" अथवा "सिंगल्स नाईट".
उत्तरी अमेरिकी और यूरोपीय नाइट क्लब उद्योग में वीडियो का प्रयोग हाल ही में प्रचलन में आया है। केवल ऑडियो के बजाय, डीजे अब किसी ऑडियो/दृश्य प्रस्तुति में वीडियो और "मिश्रित" संगीत वीडियो और संबंधित गानों का एक साथ उपयोग कर रहे हैं।
Nightclubs से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
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की उपेक्षा की गयी (मदद)
Amyl, butyl and isobutyl nitrite (collectively known as alkyl nitrites) are clear, yellow liquids which are inhaled for their intoxicating effects. Nitrites originally came as small glass capsules that were popped open. This led to nitrites being given the name 'poppers' but this form of the drug is rarely found in the UK. The drug became popular in the UK first on the disco/club scene of the 1970s and then at dance and rave venues in the 1980s and 1990s.
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